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रक्षाबंधन - भाई बहन का प्रेम

Written by:- NidhiShree
Avi kuch dino pehle mai apni ek bahan ke ghr gyi thi . Unhe ek bahut pyara beta hua h . To mai baithi thi tavi unki beti Pakhi mere paas aa kr baithi Pakhi aavi 5 saal ki h . Bahut hi pyari bachhi h . Or aa kr khti h pta h Masi Golu na avi bahut chhota h , usko mai avi idhr udhr le kr nhi ja skti , uske haath bahut soft h or aap use ungli dengi na to wo pakad lega fir chhodega nhi or din bhr rota rhta h avi bolna nhi aata na . Or aise hi kai sari baate usne kahi to Pakhi ke kuch baato ko samet kr maine ye kavita likhi h . Aasha krti hu aap sabhi ko pasand aayegi . 


आज मेरा भाई आया है ,
उसकी छोटी-छोटी उंगली है ,
और छोटे-छोटे आंख ,
दो अगर उंगली तो ,
पकड़ लेता है हाथ ।

सर पर उसके बाल नहीं है ,
और नहीं है मुंह में दांत ,
दिन भर सोता रहता है ,
और ना करता है कुछ बात ,

आज मेरा भाई आया है ।
मम्मा कहती है मेरा साथी आया है ।।

अभी वो बहुत छोटा है ,
खुद से उठ भी नहीं पाता है ,
चॉकलेट उसे नहीं पसंद ,
दूध के अलावा कुछ नहीं खाता है ।

जब वह बड़ा हो जाएगा ,
मेरे साथ खेलेगा ,
मैं उसको बहुत प्यार करूंगी ,
वो मेरा बेस्ट फ्रेंड बनेगा ।

कल रक्षाबंधन आएगा , 
मैं राखी उसको बांधूंगी ,
फिर जाके पिंकी को ,
मैं कल को बतलाऊंगी ।

आज मेरा भाई आया है ।
मम्मा कहती है मेरा साथी आया है ।


देखकर इस प्रेम को , आंख मेरी भर आई ।
प्रेम के इस बंधन में , जाने थी कितनी गहराई ।
रिश्ता ना कोई ऐसा , बांट ले जो प्रेम को ।
राखी ही ऐसा बंधन ,जो बांट ले हर स्नेह को ।
राखी नहीं , ये है वचन ,जो मोड़ दे हर दुख को ।
भाई है कृष्ण का सुदर्शन , बहन तपोबल का बल है ।
भाई बहन का रिश्ता , संसार में सबसे प्रबल है ।।


         - श्री की कलम








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